ब्लॉग में प्रस्तुत है श्रीमती विमला रावत द्वारा रचित भावपूर्ण जिन्दगी पर हिंदी कविता "जीवन-सफर "। राह में चलते -चलते धूप और छाँव की भाँति जिन्दगी पर हिंदी कविता ( Hindi Poem On Life ) मनुष्य जीवन के सुख - दुःख पर निर्भर है
- ईश्वर तड़ियाल "प्रश्न"(एडमिन /कवि )
कवयित्री श्रीमती विमला रावत द्वारा रचित जिन्दगी पर हिन्दी कविता "जीवन सफ़र " प्रस्तुत है।
जिन्दगी पर हिंदी कविता "जीवन-सफर "
जीवन -सफर की धूप -छाँव में
पग बढ़ा सुख- दुःख के साये में
बन पथिक निकल पड़े राह में हम
स्वर्णिम भविष्य बनाने की तलाश में।।
सवार हो जीवन -सागर की नौका में
अनगिनत स्वप्न संजोये दृग नयनो में
आजीवन संघर्षरत रहे हम मिलकर
सपनो को अपने यथार्थ बनाने में ।।
झिलमिलाती इस सतरंगी दुनियाँ में
अमिट जीवन -गाथा को लिखने में
एक -दूजे का प्रेरक / प्रेम बने हम
आ पंहुचे जीवन-सफर की उतराई में ।।
सारी उम्र गुजारी हमने मोह-पाश में
निष्ठां से सांसारिक कर्तव्यों की पूर्ति में
आओ शेष जीवन के अंतिम पलों को
समर्पित करे शांति से श्री प्रभु के चरणों में ।।
- श्रीमती विमला रावत ( कवियत्री )
सम्बन्ध
इस कविता एवं पोस्ट का पूर्णतः कॉपी राइट किया जा चुका है। कविता एवं पोस्ट पूर्णतः कॉपी राइट एक्ट के अधीन है। इस कविता एवं पोस्ट का बिना अनुमति के व्यवसायिक प्रयोग करने पर कॉपी राइट क्लेम किया जायेगा।
जिन्दगी पर हिंदी कविता का सारांश
जीवन रुपी सफर धूप और छाया जैसा है जिसमे सुख और दुःख के साथ कदम बढ़ाते हुए मनुष्य उज्जवल भविष्य की आशा , चाह और तलाश में राहगीर की भाँति चलता रहता है।
जीवन सागर की नाव में सवार होकर आँखों में अनगिनत सपने संजोकर जीवनभर संघर्षरत रहता है। और अपने सपनों को सच करने की कोशिश में लगा रहता है। सतरंगी दुनिया में अपने जीवन की अमिट गाथा लिखने के लिए कार्य करता रहता है।
विनती
आशा करते है ब्लॉग में आपको कवियत्री श्रीमती विमला रावत द्वारा रचित प्रेरणादायक कविता पसंद आयी होगी। कविता को अधिक से अधिक शेयर करते हुए , आपकी राय एवं सुझाव ब्लॉग को बढ़ावा देने में सहायक सिद्ध होंगी।
- ईश्वर तड़ियाल "प्रश्न " (एडमिन / कवि )
कवियत्री श्रीमती विमला रावत के बारे में जानने के लिए यहाँ क्लिक करें Click Here
जीवन की पहली किरण मिली।
वर्षो से इन्तजार मुझे ,
आज वह नई सुबह मिली।।
अन्य हिंदी कविताओं का सम्पूर्ण सारांश सहित पढ़ने अथवा यूट्यूब पर देखने के लिए नीचे लिंक पर क्लिक करे -
0 Comments