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कवयित्री सुमन लता ध्यानी

 मेरी जीवनी

मेरा जन्म 5 दिसंबर 1981 को हरिद्वार जिले में कनखल क्षेत्र में हुआ। मेरे पिता जी श्री आदित्य राम दिवेदी हरिद्वार नगर पालिका में लिपिक के पद पर कार्यरत थे। मेरी माता जी एक गृहणी थी। हम चार बहने और दो भाई हैं। हमारा अपना मूल गांव यमकेश्वर मैं ही ग्राम खोबरा था।पिताजी अक्सर गांव जाया करते और गर्मियों की छुट्टी में हम परिवार सहित गांव जाते। गांव में छोटे दादा दादी, चाचा चाची, बुआ सभी लोग रहते थे। बचपन की बहुत सारी यादें आज भी मेरे जेहन में रहती हैं।हरिद्वार में पिताजी एक छोटे से मंदिर के पुजारी भी थे। हमारी रोज की दिनचर्या स्नान ध्यान पूजा पाठ से शुरू होती थी ।


मेरी शिक्षा

मेरी प्रारंभिक शिक्षा कनखल में ही राजकीय प्राथमिक विद्यालय मैं हुई। हम सभी भाई-बहन पढ़ने में अच्छे थे। घर पर भी पिताजी हमें समय देते। कक्षा 6 से 10 तक की शिक्षा हरिद्वार की ही बालिका इंटर कॉलेज में हुई। विज्ञान विषय लेने के कारण मुझे दूसरे स्कूल में कक्षा 11 में प्रवेश लेना पड़ा  । मैं 15 वर्ष की थी मेरी माता जी का देहांत हो गया ।वह पिछले दो-तीन वर्षों से किडनी की असाध्य बीमारी से जूझ रही थी। मां के चले जाने के बाद पिताजी ने परिवार को संभाला और और हमें निरंतर पढ़ने को और अपने पैरों पर खड़े होने को प्रेरित किया। पिताजी हमारे साथ घर के सभी कार्य करते। मेरी उच्च शिक्षा गुरु राम राय डिग्री कॉलेज देहरादून से हुई। M. Sc. करने के बाद 3 वर्षों तक सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज मायापुर हरिद्वार में विज्ञान विषय पढ़ाया। इसी दौरान मैंने इग्नू से b.ed किया। B.ed करने के दौरान वर्ष 2005 में मेरी शादी कोटद्वार में हो गई। शादी के बाद भी मैंने नजदीकी विद्या मंदिर इंटर कॉलेज जानकीनगर, कोटद्वार में  2 वर्ष तक शिक्षण कार्य किया।

सरकारी शिक्षा विभाग में मेरी नियुक्ति

पिताजी की मेहनत और आशीर्वाद के कारण मैंने राजकीय प्राथमिक विद्यालय मंगलिया गांव, यमकेश्वर में 9 अक्टूबर 2014 को प्रथम नियुक्ति पाई। मैं बहुत प्रसन्न थी कि मुझे अपना मूल ब्लॉक मिला था। 

मेरे अनुभव

सरकारी विद्यालय में नियुक्ति पाने के बाद जहां मुझे एक और बहुत खुशी थी वहीं दूसरी तरफ विद्यालय के बच्चों के स्तर को देखकर काफी निराशा हुई। जिसे मैंने अपने स्तर से उठाने का प्रयास किया। अपने साढ़े छह वर्ष के शैक्षिक और विद्यालय अनुभव में मैं बहुत कुछ नया भी सीखी। जिसका प्रयोग में वर्तमान में करती हूं और आगे भी सीखने के लिए तत्पर हूं।यहां बच्चों को शिक्षित करने के लिए अच्छे और सच्चे प्रयासों के साथ-साथ कार्यकुशलता, सहयोग भावना और दूरदर्शिता के साथ समुदाय से जुड़ने की आवश्यकता है , तभी हम सफल हो सकते हैं। 

मुझे पसंद है संगीत सुनना, गुनगुनाना, खाना बनाना, गार्डनिंग करना, लिखना पढ़ना, छात्र हित में हमेशा कुछ नया सीखना और सकारात्मक बने रहना।

                     -कवयित्री सुमन लता ध्यानी 

"देवभूमि कवि दर्शन " ब्लॉग में आपके साथ नवोदित कवयित्री सुमन ध्यानी जी ने अपना जीवन परिचय शेयर किया  हैं। यदि आप भी लेखन कार्य में रूचि रखते है तो आप भी हमारे इस ब्लॉग से जुड़ सकते है। संपर्क नम्बर- 9368319735, ईमेल - ishwarpeer@gmail.com

                   - ईश्वर तड़ियाल "प्रश्न" (एडमिन /लेखक )

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