छोरा बर्बाद हवेगिन
गौं गल्यार मा
प्यार का बुखार मा
छोर बर्बाद ह्वेगिन
छोरियों का प्यार मा।
सनेह का बाट मा
पुलिण्डा का डाट मा
छोरा बर्बाद ह्वेगिन
नशा का हाट मा।
ब्ये -बबों की पीठ मा
मोटर साइकिल की सीट मा
छोरा बर्बाद ह्वेगिन
स्टंट की हीट मा।
हनी का गीत मा
सनी की प्रीत मा
छोरा बर्बाद ह्वेगीन
एक्टिंग की रीत मा।
नौनी की स्माइल मा
महंँगू मोबाइल मा
छोरा बर्बाद ह्वेगिन
फोर जी स्टाइल मा।
दिन गुजार ताश मा
रात बीती रास मा
छोरा बर्बाद ह्वेगिन
लालच की आस मा।
खेत -खल्यांण ,बूण -सार
छुटि ग्याई, घारबार।
ददी-ददा,नाती -पोता
सूख गेनी पानी का सोता।
दगड़ नि गलणी,कै की दाल
क्विं नि पूछणूँ,कै कू हाल।
उबूर-मंज्यूल अर तिबरी
अब नि जगदि जलोठा मा डिबरी।
ढबणि- रूट्टी,झंगोरू - भात
छुटि ग्या पल्यो का साथ।
गोर-भैंस,बल्द- ढिबरा
अब नि पल्दा क्वि बखरा।
मछली बुलाक,गुलाबंद -हार
रिश्ता ह्वेगिन जार-जार।
स्वाला -पूरी, रोट- अर्स
खय्या ह्वे गिन कदगा बर्स।
भैं भि ह्वे गिन श्वार -भ्वार
क्वि नि लाँद अब कल्यो -भार।
ढुँग-माटू का बण्या घार
अब नि दिखदा गोट -गुठ्यार।
पैलि सेवा, फिर पाणी-चाय
अब त ह्वे ग्या हैलो हाय।
हरा -भरा गौं मा,दस बरस रौं
तीस साल ह्वेगिनी, सब भूली बिसरी ग्यौं।
"साप्ताहिक सैलवाणी 01 सितम्बर 2017 पर मुद्रित ।
0 Comments